हाँ यह तो एक बहूत ही सम्यक समीकरण हे ।
वैसे ये कहावत भी सही है।
"काल करे सो आज कर आज करे अब्ब ....पल में परलय होवेगा बहुरि करेगा कब्ब। "
फिर भी इस कहावत का तोड़ है ।
"आज करे सो काल कर काल करे सो परसों ...इतना भी क्या डरना अभी जीवेगा बरसों "
तो भैया ये तो हाल है तोड़ का । अपनी अपनी कथनी ओर करनी ।
बाकी बातें कल । आज के लिए इतना ही
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